10 शार्ट स्टोरी लघुकथा = एक गलती ( जेनर = प्रेरक )
लघुकथा
जेनर = प्रेरक
शीर्षक = एक गलती
चलो बेटा अंदर चलो अदालत की कार्यवाही का समय हो रहा है । आज पहली सुनवाई है प्रार्थना करो की आज ही इंसाफ मिल जाए वरना यहाँ अब हम लोगो को हर महीने आना पड़ेगा हर सुनवाई पर । केतकी ने अपनी बहु कामिनी जो की अदालत के बाहर बैठी रो रही थी से कहा।
"मम्मी जी आप इतनी हिम्मत कहा से लायी है , कि मुझे भी हिम्मत दें रही है और उस पांच साल के मासूम हर्ष को भी । आदित्य आपके बेटे थे जो उस रात हुए हादसे का शिकार हुए " कामिनी ने रोते हुए कहा
"बेटा मेरे बेटे आदित्य ने मेरी आँखों के सामने दम तोड़ा था । उसने मरते वक़्त कहा था कि मैं हिम्मत से काम लू ताकि तुम दोनों की हिम्मत बन कर खड़ी रहू । काश की वो हादसा उस दिन ना हुआ होता।" केतकी ने अपने आंसू पोंछते हुए कहा।
"आप लोग अंदर आ जाइये अदालत की कार्यवाही बस शुरू होने वाली है " उन की वकील मेहनाज़ ने कहा।
वो लोग अंदर चले गए । तभी पुलिस एक नौजवान लड़के को जिसकी उम्र करीब 24 साल थी । खूबसूरत और हट्टा कट्टा था । किसी अमीर घर का लग रहा था । वही एक औरत जो शायद उसकी माँ थी उसे इस तरह देख फूट फूट कर रोने लगी पास बैठे उसके पति ने उसे चुप कराया और कहा " कुछ नहीं होगा हमारे बेटे को वो सिर्फ एक हादसा था । और कुछ नहीं "
जज अंदर आये । सब लोग अदब से खड़े हो गए । जज अपनी कुर्सी पर बैठा और अदालत की कार्यवाही शुरू हुयी।
वो लड़का जिस का नाम थॉमस था उसे कटघरे में ले जाया गया । और मेहनाज अपनी सीट से उठी और बोली " जज साहब ये मासूम सा दिखने वाला लड़का जो इस कटघरे में खड़ा है ये एक कातिल है "
"नहीं मेरा बेटा कातिल नहीं है , वो एक हादसा था जो उस रात हुआ था " थॉमस की माँ नैंसी ने कहा
"आर्डर, आर्डर कृपया शांत बैठिये अदालत की कार्यवाही में दखल अंदाज़ी मत कीजिये। जो भी कहना है कटघरे में आ कर कहिये " जज ने कहा
"जज साहब ये लड़का जो इस कटघरे में खड़ा है । ये कातिल है जिसने मेरे मुआक्कील की सारी खुशियों को क़त्ल कर दिया। इसने उनके बेटे आदित्य को बेरहमी से अपनी तेज कार का शिकार बना दिया। इसने उस दिन सिर्फ इनके बेटे को ही नहीं मारा बल्कि एक औरत से उसका सुहाग भी छीन लिया, और एक बेटे से उसका बाप छीन लिया। इनके परिवार का वही एक कमाने वाला था जिसको इस दरिंदे ने अपनी तेज कार से शराब के नशे में उड़ा दिया जब वो लोग फुटपाथ पर चल रहे थे अपनी माँ, बच्चे और पत्नि के साथ ।" मेहनाज़ ने कहा
"जज साहब वकील साहिबा मेरे मुवाक्कील पर झूटा इल्जाम लगा रही है कि इसने उस दिन शराब पी रखी थी जबकी ऐसा नहीं है । वो सिर्फ और सिर्फ एक हादसा था जो की गाड़ी के ब्रेक फ़ैल होने की वजह से हुआ था " थॉमस के वकील ने कहा
"क्या आपके पास सबूत है की उस रात इस लड़के ने शराब नहीं पी रखी थी और इसकी गाड़ी का ब्रेक फ़ैल हुआ था " मेहनाज़ ने पूछा
"गाड़ी की रिपोर्ट है मेरे पास जो साबित करता है कि मेरे मुवाक्कील ने ब्रेक लगाने की कोशिश की थी लेकिन ब्रेक फ़ैल होने की वजह से नहीं लगे । लेकिन अभी डॉक्टर की रिपोर्ट नहीं आयी जिससे साबित हो जाएगा कि उस रात मेरे मुवाक्कील ने शराब नहीं पी रखी थी ।" थॉमस के वकील ने गाड़ी की रिपोर्ट जज को देते हुए कहा।
जज रिपोर्ट देख कर ।
रिपोर्ट के मुताबिक गाड़ी के ब्रेक फ़ैल थे ।
"नहीं जज साहब वकील साहब झूठ बोल रहे है । मेने खुद वो हादसा होते हुए देखा था। मैं गवाह हूँ की ये लड़का जिसने उस रात अपनी तेज गाड़ी से मेरे पति को उड़ाया था । ये चाहता तो ब्रेक मार सकता था लेकिन इसने ऐसा नहीं किया क्यूंकि ये होश में नहीं था । इसने शराब पी रखी थी " कामिनी ने अपनी जगह से उठ कर कहा
"आर्डर, आर्डर आपको जो कुछ भी कहना है कटघरे में आकर कहिये " जज ने कहा
कामिनी कटघरे में आयी और थॉमस की आँखों में आँखे डाल कर बोली " जज साहब यही कातिल है मेरी खुशियों का , इसने अपनी पल भर की ख़ुशी के खातिर हम तीनो की खुशियों को मौत के घाट उतार दिया। ये जान बूझ कर गाड़ी तेज चला रहा था शराब के नशे। इससे पूछे की मैं सच कह रही हूँ या झूठ।
इसे बचाया जा रहा है क्यूंकि ये अमीर है । और हम मध्यम वर्ग के। पूछे इससे की ये उस रात नशे में था की नहीं और इसकी गाड़ी का डैग भी तेज आवाज़ में बज रहा था या नहीं। पूछे इसे, ये अगर झूठे गवाह और सबूत दिखा कर बच भी गया तो एक पत्नि और एक माँ की हाय इसे जरूर लगेगी और ये भी वैसे ही मरेगा जैसे इसने मेरे पति को मारा बेरहमी से। पूछे इससे की ये उस दिन नशे में था या नही। "
थॉमस जो की कटघरे में खड़ा थर थर कांप रहा था। जज ने जैसे ही अपनी निगाह उसकी तरफ की वो धड़ाम से ज़मीन पर गिर गया और बेहोश हो गया उसे तुरंत चिकित्सक के पास ले जाया गया।
"जैसा की आप सब देख ही रहे है की मुजरिम की हालत ठीक नही है। और अभी अस्पताल से रिपोर्ट नही आयी की उस दिन थॉमस ने शराब पी थी या नही। इसलिए अभी इस पर कोई कार्यवाही नही की जा सकती इसलिए ये अदालत की अगली सुनवाई अगले हफ्ते को आज ही के दिन होगी।" जज ने कहा और चला गया।
मेहनाज ने कामिनी और उसकी सास को सहानुभूति देते हुए कहा " देखना अगली बार फैसला जरूर होगा और हमारे हक़ में होगा। आप लोग फ़िक्र ना करे। मैं अभी अस्पताल जाकर पता करती हूँ की थॉमस की रिपोर्ट कब आएगी "
कामिनी अपनी सास और अपने बेटे को लेकर घर आ गयी ।
उधर थॉमस को होश आ गया और उसे दोबारा जैल में ले जाया गया । थॉमस ने कहाँ " मुझे अपने वकील से मिलना है "
पुलिस ने बताया की अब समय ख़त्म हो गया है , जो भी बात करना सवेरे करना ।
थॉमस परेशान था उसे नींद नही आ रही थी । वो जब जब आँख बंद करता सोने के लिए उसे वो रात याद आ जाती और वो घबरा कर उठ जाता इसी तरह उसकी वो रात कटी ।
सुबह उसका वकील आया उसने वकील से कहाँ " अंकल आपने अदालत में झूठ क्यू कहा कि मेरी गाड़ी के ब्रेक फ़ैल हो गए थे और मैं शराब पिया हुआ नही था । अंकल उस रात जो कुछ हुआ था वो सब आपको पता है। वो रात किसी काली रात से कम नही है मेरे लिए उस रात क्लब से निकलते वक़्त मेने अपने दोस्तों के साथ मिलकर शराब पी थी । और ड्रग्स भी ली थी । और मैं शराब के नशे में गाड़ी चला रहा था मेरे दोस्त मेरे साथ ही थे । जो मुझे बार बार गाड़ी ना चलाने का कह रहे थे । लेकिन मैं अपनी जवानी के नशे में इतना पागल हो गया था कि भूल बैठा था कि मेरी वजह से किसी के घर कि खुशियाँ पल भर में छिन सकती है ।
और वही हुआ जो मेरे दोस्तों ने कहाँ। उन्हें उनके घरों पर छोड़ कर अपने बाप कि कार को मेने फुल रेस देदी और गानों की आवाज़ भी बढ़ा दी थी और उन्ही की धुन पर में नाच रहा था । लेकिन तभी अचानक फूट पाथ पर मेरी गाड़ी किसी को रोंधती हुयी चली गयी ।
काश की मैं मर जाता तो मुझे इतना पछतावा नही होता लेकिन मेरी एक गलती की वजह से किसी की सारी खुशियाँ उनके घर का चिराग बुझ गया । "
"पागल मत बनो अदालत में अपना जुर्म मत क़ुबूल कर लेना पता है कितने साल की सजा हो सकती है । सारी जवानी बुढ़ापे में बदल जाएगी तुम्हारी तब भी बाहर नही आ सको गे। जैसा चल रहा है चलने दो। डॉक्टर और उस मैकेनिक को भी पैसे खिला दिए है मेने और तुम्हारे दोस्त भी झूठी गवाही देने को तैयार हो गए है । हौसला रखो अगली सुनवाई में हम कामयाब हो जाएंगे " वकील ने कहाँ
"नही अंकल मैं ऐसे रिहा नही होना चाहता जिसमे मेरा जमीर हमेशा ही कैद रहे। इससे अच्छा तो मैं जैल में अपनी सजा काट लूँगा कम से कम सुकून से सो तो सकूँगा। पिछली कई रातो से मैं सोया नही हूँ उस आदमी की पत्नि, माँ और बच्चा रोज़ मेरे सपने में आते है और मुझे कातिल कहते है । नही अंकल मैं अपनी सजा काट कर रहूंगा फिर चाहे मैं इन्ही सलाखों के पीछे बूढा ही क्यू ना हो जाऊ " थॉमस ने कहाँ
"माय चाइल्ड तुम अपने पिता के एकलौता वारिस हो तुम अगर जैल मैं कैद होगे तो तुम्हारे पिता का बिज़नेस कौन देखेगा " वकील ने कहाँ
"अंकल उनका घर कौन देख रहा है , जिनके दीपक को मेने अपनी गाड़ी से उड़ा दिया। उनके घर का तो सिर्फ वही कमाने वाला था ।"थॉमस ने कहाँ
उन दोनों में काफी बहस हुयी पर थॉमस नही माना। उसकी माँ और डैड भी आये उससे मिलने लेकिन थॉमस नही माना वो जैल से रिहा नही होना चाहता था बिना सजा काटे अपने गुनाह की।
इसी तरह एक एक करके दिन गुज़रते गए और सुनवाई का दिन करीब आ गया।
कामिनी और केतकी सुनवाई से एक दिन पहले अपने घर में बैठे कल को होने वाली कार्यवाही का सोच रहे थे कि ना जाने किया होगा। और हर्ष खेल रहा था।
तभी दरवाज़े पर दस्तक होती। हर्ष दौड़कर दरवाज़ा खोलता और पूछता " आप कौन है, किससे मिलना है "
वो औरत कहती मुझे आपकी मम्मी और दादी से मिलना है।
हर्ष आकर अंदर बताता है। केतकी जाकर देखती तो गुस्से से पागल हो जाती और उसका हाथ पकड़ कर घर से बाहर कर देती।
अगली सुबह अदालत की कार्यवाही शुरू होती जिसमे थॉमस कटघरे में खड़ा था। और केतकी, कामिनी और हर्ष कुर्सी पर बैठे थे श्रोता गणों के साथ। मेहनाज़ भी अपनी कुर्सी पर बैठी थी। और डॉक्टर और मैकेनिक की रिपोर्ट जज की कुर्सी पर रखी थी
जज साहब कुर्सी पर बैठे थे। अदालत में सन्नाटा पसरा हुआ था। सारे सबूत जज ने अपनी आँखों से देख लिए थे जिनसे साफ जाहिर था की उस रात थॉमस नशे में था और गाड़ी तेज चला रहा था।
अब बस फैसला सुनाना बाकी था। जिसका सब इंतज़ार कर रहे थे। थॉमस की माँ नैंसी जो रो रही थी अपने बेटे के लिए। केतकी और कामिनी उसे अपने बेटे के लिए रोता देख ख़ुशी से ज्यादा उदास थे।
जज साहब ने अपनी चुप्पी को तोड़ते हुए कहा " जैसा की पिछली सुनवाई में कहा गया था। की थॉमस को अदालत में तब पेश किया जाएगा जब इसकी रिपोर्ट आ जाएगी। और रिपोर्ट आ चुकी है जिससे साफ साबित होता है की थॉमस ने जो कुछ किया नशे की हालत में किया और ड्रग्स भी ले रखी थी जो की गेरकानूनी है।
इसने नशे में गाड़ी फूट पाथ पर चढ़ा दी जिसके कारण एक बेक़सूर आदमी मारा गया। जिसकी कमी उनके परिवार वालो को हमेशा खलती रहेगी जब तक ये लोग ज़िंदा रहेंगे। इसने उस रात एक माँ से उसका बेटा छीन लिया एक औरत से उसका सुहाग और बच्चे से उसका बाप। इसने एक साथ तीन ज़िन्दगीयों का क़त्ल किया उस रात।
अपनी नादानी में आकर अगर ये उस रात गाड़ी तेज ना चला रहा होता, और अपने दोस्तों की बात मान लेता और शराब के नशे में तेज गाड़ी ना चलाता तो आज आदित्य ज़िंदा होता और ये भी यहाँ इस भरी जवानी में कटघरे में खड़ा ना होता। अब इसने जो गुनाह किया है उसकी सजा तो इसको मिलकर रहेगी ।
इसलिए अदालत नैंसी मसीह और अब्राहम मसीह के बेटे थॉमस मसीह को। इससे पहले जज साहब सजा सुनाते तभी केतकी जी अपनी जगह से उठ खड़ी हुयी और बोली " रुक जाइये जज साहब मुझे कुछ कहना है "
अदालत में बैठे लोग एक दूसरे के चेहरे को देख कर केतकी जी के इस तरह फैसले के दौरान उठ खड़े होने पर बाते कर रहे थे ।
आर्डर, आर्डर आपको जो कुछ भी कहना है । कटघरे में आकर कहे। जज साहब ने कहा
केतकी जी कटघरे में आयी और कामिनी की तरफ देखा । कामिनी ने उन्हें हिम्मत बंधाते हुए उनकी तरफ देखा तब केतकी जी बोली " आदित्य मेरा बेटा मेरा सब कुछ था । उसके पिता के जाने के बाद वही मेरे ज़ीने की वजह बना उसकी परवरिश मेने अपने हाथो से की थी उसे कब और किया चाहिए होता ये मुझसे बेहतर कोई नही जानता था । हालांकि उसकी शादी हो चुकी थी फिर भी उसके आधे से ज्यादा काम में ही करती थी माँ जो ठहरी । पूरी दुनिया से 9 महीने ज्यादा प्यार जो करती थी उससे मुझे भी उसका काम करके ख़ुशी मिलती थी फिर कुछ दिन बाद वो पिता बना उस दिन वो बेहद खुश था जब नर्स ने उसकी गोदी में उसके बेटे को दिया।
उसे खुश देख मैं भी बेहद खुश थी । हमारी छोटी सी दुनिया थी जो उस रात से पहले खुशियों से भरी हुयी थी । उस रात के बाद तो मानो गम के बादल हमारे उपर मंडराने लगे । मैं और मेरी बहु ना जाने कितनी रातो से नही सोए दोनों आदित्य की ही बाते करते रहते है रात भर और सुबह हो जाती है । हम नही जानते की अब हमारा आगे किया होगा क्यूंकि अब हमें आदित्य की यादो के सहारे ही जीना सीखना पड़ेगा ।
कटघरे में खड़ा ये नौजवान जिसने अपनी मौज मस्ती में आकर मेरे घर का चिराग बुझा दिया। मैं जानती हूँ इसने जो कुछ किया जान बूझ कर नही किया अगर ये उस दिन शराब और ड्रग्स लेकर गाड़ी ना चलाता और अपने दोस्तों की बात मान कर उन्हें गाड़ी चलाने देता तो आज मेरा बेटा ज़िंदा होता। केतकी जी अपनी बात पूरी करती तभी थॉमस रोता हुआ कटघरे से हाथ जोड़ कर बोला " बस माँ जी, बस मुझे और शर्मिंदा मत करे । मैं माफ़ी का तो हक़दार नही हूँ लेकिन फिर भी हो सके तो मुझे माफ करदीजिये । काश की उस दिन मैं मर जाता तो शायद आप से आपका बेटा तो नही छिनता।
मेरी वजह से एक बच्चा अपने बाप के साये तले नही बड़ा होगा, मेरी वजह से एक औरत को जिंदगी भर सफ़ेद साड़ी पहन कर विधवा की जिंदगी ज़ीना पड़ेगी ज़ो उसके लिए आसान ना होगी। माँ जी मुझे भी मार दीजिये क्यूंकि अदालत जो सजा मुझे देगा वो देगा।
लेकिन आप भी मुझे सजा दें दीजिये क्यूंकि गुनेहगार मैं कानून का नही आपका हूँ। मुझे मार दीजिये मैं इस गिल्ट के साथ नही जी सकता की मेरी वजह से किसी की खुशियाँ छिन गयी आपको आपके गॉड की कसम । मुझे मार दीजिये मैं जीना नही चाहता । थॉमस ने रोते हुए कहा
वहा बैठे सभी लोगो की आँखों में आंसू थे । नैंसी, थॉमस की माँ का बुरा हाल था रो रो कर ।
तभी केतकी जी कुछ ऐसा कहती जिसकी किसी को उम्मीद नही थी । उनकी वो बात सुन अदालत में जैसे सन्नाटा पसर गया हो।
केतकी जी ने अपने दिल पर पत्थर रख कर कहा "मेने और मेरी बहु ने तुम्हे माफ किया सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी माँ की बदौलत अगर वो कल रात रोती हुयी हमारे घर ना आती और हमसे तुम्हारी जिंदगी के लिए भीख ना मांगती तो शायद आज हम भी तुम्हे माफ नही करते । अपनी औलाद के खातिर निकले हुए आंसुओ को सिर्फ एक माँ समझ सकती है । मेरा बेटा तो अब वापस नही आ सकता माना की तुम्हारी गलती की वजह से वो हमें छोड़ कर चला गया लेकिन हम एक माँ से उसका ज़िंदा बच्चा नही छीन सकते । हमारे बेटे को तो नही बचाया जा सका लेकिन हम किसी और के बेटे को तो बचा सकते है ।
तुम्हे जैल में भेज कर भी हमारा बेटा वापस नही आ सकता । तुम्हे गलती का एहसास था जो तुमने की थी और अपना जुर्म भी कबूल करना चाहते थे तुम्हारी माँ ने हमें बताया जबकी तुम्हारा वकील तुम्हे आसानी से इस केस से निकाल सकता था । लेकिन फिर भी तुमने उसकी एक ना सुनी और अपने गुनाह की सजा काटने को तैयार रहे बस तुम्हारी इसी बात ने हम दोनों सास बहु को रात भर सोचने पर मजबूर कर दिया और आखिर में हमने फैसला लिया की तुम्हे माफ कर दिया जाए।
सिर्फ इसलिए की तुम्हे अपनी गलती का एहसास है और आगे तुम ऐसी गलती नही करोगे ना तो तेज गाड़ी चलाओगे और ना शराब पी कर गाड़ी चलाओगे ।
सिर्फ तुम ही नही मैं ये सब उन नौजवान लड़को से कहना चाहूंगी जो गाड़ी को तेज भगाने में अपनी शान समझते है तो वो इस बात को ध्यान रखे आपकी एक गलती किसी की सारी खुशियों को तबह करने की वजह बन सकती है और आपकी जिंदगी भी बर्बाद हो सकती है । आप मर गए अपनी गलती से तो शायद आपके घर वाले सब्र कर लेंगे लेकिन आप बच गए और कोई बेक़सूर मारा गया आपकी वजह से तो आप खुद को जिंदगी भर माफ नही कर पाओगे कानून की सजा काटने के बाद भी ।
थॉमस ये सुन बेहद खुश हुआ कि उसे माफ़ी मिल गयी। नैंसी ने केतकी और कामिनी को गले लगाकर उनका शुक्रिया कहा उनका बेटा उन्हें लोटाने के लिए ।
थॉमस ने केतकी से कहा " मैं आपके बेटे कि कमी तो पूरा नही कर सकता लेकिन आज से आपका एक और बेटा है जिसे आप जब बुलाएगी वो हाजिर होगा आपके हर सुख दुख में "
कुछ दिन बाद थॉमस केतकी के घर आया सब के लिए उपहार लेकर उसने केतकी को माँ कहा और कामिनी को दीदी और हर्ष को गोदी में उठा कर घुमाने ले गया।
सब लोग खुश थे । समय के साथ सब सही हो गया कामिनी ने भी अपना खुद का पार्लर खोल लिया था वो दिन भर उसी में व्यस्त रहती ।
थॉमस ने हर्ष का एक अच्छे स्कूल में दाखिला करा दिया था और उसके खर्चे वही देता था । और हर्ष को कभी कभी घुमाने भी ले जाता और केतकी जी की दवाये भी समय पर लाकर देता जैसा आदित्य लाकर देता था । कभी कभी किसी को माफ कर देना उसे सजा देने से बेहतर होता है कामिनी और केतकी को ये बात समझ आ गयी थी।
जेनर =प्रेरक
Shnaya
02-Jun-2022 04:34 PM
👏👌
Reply
Farida
16-May-2022 08:13 PM
👌
Reply
Haaya meer
16-May-2022 07:03 PM
Very nice
Reply